Thursday, October 23, 2008

बना लो कर्म को अपने धर्म

हमेशा इस बात पर विश्वास करिए की आपके अन्दर क्या हैं और आपकी काबलियत क्या हैं, बजाये इसके लिए क्या हमरा पीछे था और क्या हमारे आगे हैं इसी अन्दर की शक्ति को भगवन बुध ने प्राप्त किया तो जिसे हम निर्वान करतेहैं ख़ुद को कमजोर मत समझो तुम ही सर्वश्रेष्ट हो याद रंखे :
टूटी टहनी ही एक दिन पतवार बनती हैं
चिंगारी भड़क कर ही अंगार बनती हैं
जो रोंदी गयी हमेशा बेबस समझकर
वाही मिटटी एक दिन मीनार बनती हैं
और यद् रंखे भगाया भी उन्ही का साथ देता हैं जो खु पर विश्वास रखते हैं और हमारी ज्योतिष विद्या अनुसार
" Half Destiny of a Man can be converted by virtue
of his Karma "

अर्थात एक इन्सान की आधी भाग्य रेखांये उनके द्वारे किए कर्मों से निर्धारित होती हैं इसलिए करम किए जा और इस दुनिया से कह दो अगर देखना चाहते हो हमारी उड़न कोतो जाओ जाकर और ऊँचा करो आसमान कोमहान safalta उसी व्यक्ति कोन प्राप्त हो सकती जो बड़ी से बड़ी असफलता को झेलने की क्षमता रखता हो
जैसे अब्राहिम लिंकन जी ( अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति ) जो कई बार असफलताओ का सवाद चखने क्ले बाद 51 वर्ष की आयु मैं अमरीका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए लिंकन जी का परिचय इस प्रकार हैं
22 वर्ष की आयु - वयापार मैं असफल
23 वर्ष की आयु - विधायक के चुनाव में हार
24 वर्ष की आयु - वियापर मैं दुबारा असफल
25 वर्ष की आयु - माता पिता की मौत (दुर्घटना)
26 वर्ष की आयु - प्रेयसी की मृत्यु
29 वर्ष की आयु - स्पीकर के चुनाव में हार
31 वर्ष की आयु - एलेस्टर के चुनाव में असफल
34 वर्ष की आयु - कांग्रेस के चुनाव में हार
37 वर्ष की आयु - वाहन दुर्घटना
39 वर्ष की आयु - सीनेट के चुनाव में हार
46 वर्ष की आयु - उप राष्ट्रपति का चुनाव हारे
49 वर्ष की आयु - सीनेट के चुनाव में हार
51 वर्ष की आयु - अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित

देखा दोस्तों अगर हम धर्य से अपनी मंजिल की और बढ़ते रहेंगे और बड़ी से बड़ी असफलता को झेलने में सक्षम हूंगे तो हमें मंजिल जरूर मिलेगी
Where There is a Strong Will , There is a Way................

Monday, October 20, 2008

आप भी कामयाब हो सकते हैं

सबसे पहले आपको जो चाहिए ( कार, मोबाइल, मोटर साइकिल , मकान इत्यादी ) उस वास्तु की तस्वीर अपने कमरे मैं टांग दे और उस पर एक तारीख लिख दे की ये कब चाहिए वरना जिन्दगी मैं कुछ भी हासिल नही होगा सकारात्मक विचार को अपने साँसों मैं बसाकर अपने विचार पर नजर रंखें कन्योकी बाद मैं ये विचार आपके शब्द बनेंगे , शब्दों पर निगाह रखें कन्योली ये शब्द आपके कर्मो का रूप धारण करेंगे, अपने कर्मो पर गौर करें कन्योकी इनसे आपकी आदतें तय होंगी अपनी आदतों पर नजर रखें जिस आपका चरित्र बनता हैं यदि आप ऐसे करने में सफल हो गए आप अपने मस्तिष्क के नकारात्मक विचारों के पैदा होते हिउन्हे उखार फकेंगे यद् रखें दोस्तों को भी निराशावादी आज तक तारों का रहस्य नही जान पाया हैं और न ही उनसे मनुष्य जाती के लिए कोई द्वार खुला हैं हमारा जीवन वैसे ही होता हैं जैसे हमारे विहार उसे बनते हैं गिगो जिसके मायने हैं कचरा अन्दर तो कचरा बहार यदि आप भी निराशवादी हैं तो निराशा ही अन्दर जायेगी और निराशा ही बहार आएगी सिर्फ़ आंखों मैं ही नही साँसों मैं भी पागलपन ही हद से गुजर जाने का नशा बसा लीजिये तब ही सफलता के अमृत सामान बूंदों को पाएंगे

रजकण को बिना चूमें कंचन मिला हैं किसको
कांटो पे बिना चले , मधुबन मिला हैं किसको,
तू देख के मुश्किलों कन्यों हर गे प्यारे ,
देहरी को बिना लांघे , आँगन मिला हैं किसको

Tuesday, October 7, 2008

भूमिका

क्या आप पागल हैं ?

आप सोच रहे होंगे की भला कैसा अटपटा सवाल हैं ? मैं रोड पर घुमने वाले अजीबो गरीब हरकत करने वालों की बात नहिएँ कर रहा हूँ मैं बात कर रहा हूँ, उस पागल की, जो सफलता प्राप्त करने हेतु पागलपन की हद से गुजर जाता हैं हमारी भाषा मैं उसे पागल कहते हैं पा - पाने के लिए ग - गतिशील ल-लक्ष्य की ओर

सफलता सपने और लक्ष्य की बाते समझाने वाले आपको लाखों मिल जायेंगे; सुनने वाले हजारों; समझने वाले सैकडो परन्तु जब करने की बात आती हैं तो आप अँगुलियों पर गिनती कर सकते हैं असफल कामचोरों के पास अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए ठोस एवं मजबूत बहाने एवं दलीलें होती हैं क्या आप इनमें से तो एक तो नही ? अगर हाँ तो आप ये पुस्तक नहीं पढ़ पाएंगे कन्योकि आप जैसो के पास धैर्य नाम की चीज नही होती जो इस ब्लॉग को पढने के लिए अति आवश्यक हैं आप इस ब्लॉग को इस लिए पढ़ रहे हैं कन्योकि आप कुछ खोज रहे हैं कुछ पाना चाहते हैं कुछ न कुछ अलग करना चाहते हैं

परेशानियों के रस्ते पर अगर सफल होना हो तो, आपके पास गाड़ी हो - संकल्प की, पहिये हो होंसलें के, पेट्रोल मेहनत के पसीने का, इंजन हो करम का , स्टेरिंग व्हील हो विश्वास का, एक्सिलाटर हो उत्साह का और ऐसी गाड़ी को जब बुधि के साथ लक्ष्य के रस्ते पर चलायी जाए तो क्ठिनेयोँ ओ से आसानी से पर किया जा सकता हैं